दान, धर्म व भक्ति भी हो प्रत्येक मनुष्य के जीवन का हिस्सा..
बीकानेर, 02 जुलाई (छोटीकाशी डॉट पेज)। ब्रह्मांड में व्याप्त अनेक ग्रह-नक्षत्र धरा पर प्रत्येक प्राणी अथवा मानव जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, मगर कोई भी ग्रह उस परमपिता परमात्मा से बड़ा अथवा शक्तिशाली नहीं है। गत वर्ष (2019) के 4 नवंबर से बृहस्पति और शनि के धनु राशि में बने मूवमेंट ने समस्त पृथ्वी लोक अर्थात जीव जगत को प्रभावित कर दिया है। हाल ही 29 जून को बृहस्पति केतु के साथ वक्री होकर धनु राशि में आया है यह देश और दुनिया में फैली आपदा रूपी महामारी के प्रकोप में एक बारगी तेजी लाएगा साथ ही उपाय सुलझाने में भी मदद करेगा। यह कहना है छोटीकाशी-धर्म नगरी बीकानेर के ज्योतिषी अशोक मारू का। उन्होंने बताया कि 5 जुलाई को होने वाले चंद्र ग्रहण के बाद का मूवमेंट भी जीवजगत के लिए पॉजिटिव (सकारात्मक) फलदायी वाला रहेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि 5 जुलाई से 10 अगस्त तक विद्वता एवं अनंत परमात्म शक्तियों की जन्म धरा भारत में ही कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज हो जाएगी। इसी क्रम में उन्होंने यह भी बताया कि बृहस्पति जो कि आमदनी का तथा शनि व्यापार तथा न्याय का कारक है। 12 सितंबर 2020 को बृहस्पति तथा 29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएगा तो देश और दुनियावी लोगों की खुशहाली व आय के स्रोत स्वत: बढ़ेंगे। आर्थिक परेशानियों से भी निजात मिलेगी। फिलहाल दोनों ही ग्रहों की चाल वक्री है।
मशहूर उद्योगपति विनोद बाफना (बाबा) को अपना प्रेरणास्रोत मानने वाले 50 वर्षीय ज्योतिषी अशोक मारू जन्मकुंडली व प्रश्न कुंडली से विगत अनेक वर्षों से अंतराष्ट्रीय स्तर पर लोगों के सुखद भविष्य हेतु मार्गदर्शन देते हैं, उनके अनुसार भारत के चीन, नेपाल व पाकिस्तान जैसे पड़ोसी मुल्कों के साथ झड़पों के दौर में भी चार से 13 जुलाई के बीच बढ़ने के संकेत ज्योतिषीय आकलन के मुताबिक बन रहे हैं। वहीं 15 जुलाई से 15 अगस्त तक देश और दुनिया में राजनीतिक उथल-पुथल भी रहेगी। साथ ही 15 जुलाई से ही सूर्य के कर्क व शनि के मकर राशि में आने पर पृथ्वी पर जल संबंधी आपदाएं भी विकराल रूप दिखा सकती है। ऐसे में सितंबर माह में जब तक यह ग्रह मार्गी नहीं होंगे तब तक आपदाओं का क्रम लगभग जारी सा रहेगा। उन्होंने बताया कि ज्योतिषीय आंकड़ों के अनुसार किसी भी प्रकार से वर्तमान समय अमीर, मध्यम अथवा गरीब के लिए शुभकारी प्रतीत नहीं हो रहा है। अनेक प्रसंगों का जिक्र करते हुए वे बोले, ऐसे में बगैर किसी भय के निर्भय रहने के लिए परमात्मशक्ति की भक्ति, दान व धर्म ही व्यक्ति का सुरक्षा कवच बन सकता है। साथ ही प्रजा रुपी जनता के लिए अपने राजा अर्थात सरकार की आज्ञा (निर्देशों) का पालन भी इसी कड़ी का अहम हिस्सा है।
"अपने-अपने धर्म-मतानुसार ईश्वरीय भक्ति जरूरी"
ज्योतिषी अशोक मारु ने कहा कि निश्चित ही परमात्म शक्ति से बढ़कर किसी के लिए न कुछ है, ना होना चाहिए। इस भूमि पर अनेक धर्म संप्रदाय के लोग हैं सभी के अपने-अपने मत-पंथ रुपी शक्तियां भी है। उन इष्ट-देव रुपी शक्तियों की आराधना वर्तमान समय की आवश्यकता बन गया है। प्रेम और सद्भाव के साथ अर्थात प्राणी मात्र के प्रति मैत्रीभाव से सहयोग भी पुनवानी की वृद्धि को सिद्ध करते हुए प्रत्येक व्यक्ति के लिए लाभकारी साबित होने जैसा है। मारु ने अनेक चमत्कारी उदाहरणों के साथ बताया जहां तक हिंदू धर्मावलंबियों की बात करें तो देवाधिदेव भगवान शिव शंकर महाकाल की जलधारा अथवा पूजा आराधना हर विपत्ति काल में व्यक्ति को छुटकारा दिला सकती है।