'खजूर की उन्नत खेती में गुजरात के कृषकों का योगदान'


 


बीकानेर, 22 जुलाई (छोटीकाशी डॉट पेज)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राजस्थान में संभाग मुख्यालय स्थित केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान की ओर से दो दिवसीय खजूर पर ऑनलाइन वेबीनार के दूसरे दिन बुधवार को फसल उत्पादन विभागाध्यक्ष डॉ. बी.डी. शर्मा ने गुणवत्ता युक्त खजूर के फलोत्पादन हेतु पोषक तत्व प्रबन्धन एवं माइक्रो इरिगेशन पर विस्तार से जानकारी दी। खजूर में परागण क्रिया के महत्व एवं नर खजूर की महत्ता पर वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रामकेश मीणा ने तकनीकी जानकारी दी। तकनीकी सत्र के दौरान खजूर की उन्नत खेती में कच्छ गुजरात के कृषकों का योगदान एवं कच्छ क्षेत्र में जैव विविधता के महत्व पर खजूर अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी डॉ. मुरलीधरन एवं कपिल मोहन शर्मा ने प्रजेन्टेशन एवं वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. अनिल कुमार एवं स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. ए.आर. नकवी द्वारा खजूर के विभिन्न फार्मिंग मॉडल्स एवं कीट व्याधियों के नियंत्रण पर विस्तार से वैज्ञानिक जानकारी दी। गुजरात के उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. एच.के. गौैड द्वारा गुजरात में खजूर की खेती के बढ़ते हुए विकास में राज्य सरकार की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया गया। इस वेबीनार के अध्यक्ष एवं संस्थान निदेशक, प्रो. पी.एल. सरोज ने इस कार्यक्रम के समापन समारोह में सभी किसानों एवं अनुसंधान एवं प्रसार से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर विवेचना रखी। इस दो दिवसीय वेबीनार के संयोजक डॉ. बी.डी. शर्मा ने, वेबीनार के समापन पर सभी प्रतिभागियों तथा इसके प्रबंधन से जुड़ें सभी व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।