बीकानेर, 29 अगस्त (छोटीकाशी डॉट पेज)। विश्व की सबसे ऊंची हवाई पट्टी 'चुसूल' को आज ही के दिन 29 अगस्त 1952 को राजस्थान में बीकानेर के सपूत ब्रिगेडियर बाघ सिंह ने खोजा था। लगभग 68 साल पहले 14 हजार 260 फीट ऊंचाई पर स्थित 3500 गज लम्बाई के इस विमानपत्तन को देश को समर्पित करने वाले ब्रिगेडियर को आज के दिन 'चुसूल दिवस' के रुप में भी याद किया जाता है। जिस दिन यह खोज की गयी उस समय के तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरु, उनकी पुत्री इंदिरा गांधी, शेख अब्दुल्ला, सरदार बलदेव और एयर मार्शल एस. मुखर्जी भी इस हवाई पट्टी पर पहुंचे थे। सुरक्षा की दृष्टि से प्रथम लैंडिंग भी ब्रिगेडियर बाघसिंह ने ही की थी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण एयर फील्ड 'चूसूल दिवस' के मौके पर शनिवार को जसवंत निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि जगमाल सिंह राठौड़ ने कहा कि राष्ट्र को समर्पित इस सबसे ऊंची हवाई पट्टी पाने की देन बीकानेर के 'लाल' ब्रिगेडियर बाघसिंह को ही जाती है। गौरव सेनानी एसोसिएशन, स्वामी कृष्णानंद फाउण्डेशन एवं ब्रिगेडियर बाघ सिंह स्मृति संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह के संयोजक ठाकुर महावीर सिंह तंवर दाउदसर ने बताया कि आज का दिन भारत के गौरव में बहुत महत्वपूर्ण दिवस है और बीकानेर नगर के लिए यह दिवस अति महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में इसके जनक के लिए इस मरूधरा के वीर सपूत ब्रिगेडियर बाघ सिंह तंवर को श्रेय जाता है ओर इस कारण बीकानेर एवं ब्रिगेडियर बाघ सिंह का नाम सदैव इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। कार्यकम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद जानकी नारायण श्रीमाली ने कहा कि बीकानेर नगर ने देश को अनेक रत्न दिये हैं जिसमें एक थे ब्रिगेडियर बाघ सिंह तंवर। विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए साहित्यकार विचारक विद्वान भंवर पृथ्वीराज रतनू ने कहा यह घटना भी दैवीय है। उन्होंने कहा कि बाघ सिंह शिव के अनन्य उपासक थे ओर उनकी कृपा से ही इस एयर फील्ड की खोज एवं निर्माण बाघ सिंह ने किया जिससे आज भारत सुरक्षित एवं महफूज है। भंवर पृथ्वीराज रतनू ने अपने ओजस्वी उदबोधन में डिंगल के इस दोहे से अपने शब्द पुष्प अर्पित किये 'कोट खिसे देवळ डिगे, वृक्ष ईंधण हो जाय, जस रा आखर जेहिया जाता जुगां न जाय।' विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए कर्नल हेमसिंह शेखावत ने बाघ सिंह तंवर के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला। स्वागत भाषण एडवोकेट इंद्र सिंह तंवर ने दिया, इस गरिमामयी समारोह में अन्य वक्ताओं में डॉ.चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली, जोधपुर से श्याम काट्जू, अखिलेश प्रताप सिंह, प्रदीप सिंह चौहान, अयुब खान कायमखानी, सुभाष मित्तल, सैमुअल हसन कादरी सहित नगर के अनेक गणमान्य महानुभावों ने आज के दिवस की महत्ता एवं इसके पीछे ब्रिगेडियर बाघ सिंह तंवर के योगदान का पुण्य स्मरण किया। सरकार द्वारा जारी कोरोना एडवाइजरी की पूर्ण पालना करते हुए आज का यह आयोजन हुआ। धन्यवाद ज्ञापन सुनील कुमार प्रजापत ने दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अधिकारी हिंगलाज दान रतनू ने किया। (FILE PHOTO)