भगवान को श्रेष्ठ सामग्री चढ़ाने से श्रेष्ठ फल की प्राप्ति : आचार्यश्री विनयधर्मसुरीजी / सूरी मंत्र आराधना, जाप  व हवन साधना संपन्न


 



 


बेंगलुरु। श्री अजीतनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के तत्वावधान में आचार्यश्री कुंदकुंदसुरीजी महाराज साहेब के शिष्य आचार्यश्री विनयधर्मसुरीजी महाराज साहब के 15 दिन की सूरी मंत्र की आराधना 16000 जाप की पूर्णाहुति मंगलवार को संपन्न हुई। इस आयोजन के निमित्त श्री त्रिभुवन स्वामीनी देवी का हवन रखा गया। यह करीब 1600 आहुतियों के द्वारा हर्षोल्लास के साथ परिपूर्ण हुआ। श्री अजीतनाथ जैन संघ में आचार्यश्री की यह साधना हुई। इस दौरान उन्होंने कहा अपने उद्बोधन में कि भगवान की पूजा करते समय श्रेष्ठ सामग्री ही अर्पित करनी चाहिए तभी हमें अच्छे फल व श्रेष्ठ पुण्य की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने आराध्य की पूजा करते समय सामग्री का उपयोग बहुत सोच समझ कर ही करना चाहिए। डूंगरमल चोपड़ा ने बताया कि आसोज सुदी तृतीय से महालक्ष्मी माता जी की 25 दिवसीय आराधना हेतु साधना में बैठने वाले एवं विधि कारक तुषारगुरुजी व जयपालगुरुजी ने विधिपूर्वक हवन करवाया। श्री संघ के अध्यक्ष विमलचंद खाँटेड, मैनेजिंग ट्रस्टी मदनलाल एवं प्रमोद कुमार श्रीश्रीमाल, चम्पालाल निमानी, गौतम चोपड़ा तथा अनेक भक्त जनों ने आयोजन में पुण्य लाभ कमाया।