नवंबर से अगस्त का शैक्षणिक वर्ष स्वागत योग्य कदम : डॉ. संजय चोरडिया


पुणे। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस साल शिक्षा सत्र शुरू होने में संदिग्धता थी, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अर्थात यूजीसी ने इस साल शिक्षा सत्र नवंबर से अगस्त ऐसा करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय चोरडिया ने स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 शिक्षा सत्र का इम्तिहान अक्टूबर के आखरी में पूरा कर कर 18 नवम्बर के पहले रिझल्ट लगा कर इस साल की पढाई शुरू करने का टाइमटेबल यूजीसी ने जारी किया है। स्नातक और स्नातकोत्तर वर्ष का पहला साल शुरू होने जा रहा है, इस कारण विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षा संस्थानों को भी बड़ी राहत मिली है। कुल मिलाकर अब छात्रों का साल बेकार नहीं जाएगा। डॉ संजय ने बताया कि कोरोना के कारण इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित अन्य ब्रांच की सभी इम्तेहान प्रतीक्षा में थे. उसी के कारण नए साल के प्रवेश भी नहीं हो रहे थे। ऐसे में यूजीसी के इस निर्णय से सभी छात्रों को राहत मिली है और सभी के लिए शिक्षा सत्र की स्पष्टता आयी है। पिछले कुछ महीनो में छात्र एवं शिक्षकों ने ऑनलाईन शिक्षा का पाठ पढ़ा है इसलिए यूजीसी की इन सूचनाओं का पालन करने में उन्हें मदद होगी। उन्होंने बताया कि जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे कई संस्थाए काम कर रही है। वे बोले, निश्चित ही ग्रामीण भागों में अब भी हमें थोड़ा इंटरनेट कनेक्टिविटी के ऊपर काम करने की जरूरत है। डॉ चोरडिया के मुताबिक समर कैम्प और अन्य उपक्रमों को अकैडमिक के साथ जोड़ना चाहिए, जिससे हमें छात्र को ज्यादातर अनुभवाधारित शिक्षा देने का अवसर मिलेगा। छात्र के भीतर स्वावलम्बन, परिश्रम और नए अवसर को प्राप्त करने की चाहत निर्माण होने में मदद होगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षण संस्थान और इंडस्ट्री को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। उससे छात्र को नए प्लेटफार्म मिल सकते है। हर 10 से 15 छात्रों को एक प्राध्यापक ने मेंटोर के रूप में मार्गदर्शन करना चाहिए, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। डॉ चोरडिया ने विश्वास जताया कि छात्र, पेरेंट्स और शिक्षा संस्थान के एकत्रित प्रयास से यह नया शिक्षा सत्र सबके लिए उपयुक्त रहेगा।