रेलवे के निगमीकरण एवं निजीकरण के विरोध में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन


 


 



 


बीकानेर, 08 सितम्बर। भारतीय मजदूर संघ/भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर मंगलवार को भारत सरकार द्वारा द्रुत गति से रेलवे के निगमीकरण एवं निजीकरण के विरोध में उत्तर-पश्चिम रेलवे कर्मचारी संघ के कार्यकर्ताओं, सदस्यगणों द्वारा काली पट्टी बांधकर घोर विरोध करते हुए विशाल प्रदर्शन किया गया। बीकानेर मंडल पर रेलवे वर्कशॉप, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, रेलवे स्टेशन बीकानेर व रेलवे स्टेशन लालगढ़ पर यह प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर महामंत्री अजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सरकार द्वारा सार्वजनिक एवं सरकारी उपक्रमों यथा भारत के सबसे बड़े उद्योग रेलवे सहित पोस्टल, डिफेंस, कोल, नॉन-कोल, माइनिंग, बैंकिंग, बीमा, स्टील, शिपिंग, टेलीकॉम, ऑयल, पॉवर ग्रिड, एफसीएल, गेल, भेल, नाल्को, एनएलसी, एचएल, आईटीआई, बीडीआई, एनटीपीसी इत्यादि का निगमीकरण एवं निजीकरण करने से भारत के अरबों-खरबों रुपए की सम्पत्तियां जो पिछले 70-72 वर्षों की कड़ी मेहनत से अर्जित की गयी है, निजी हाथों में चली जाएंगी। इस प्रकार देश को भारी आर्थिक नुकसान होगा साथ ही सरकारी नौकरियों की सभी संभावनाएं समाप्त हो जाने के फलस्वरुप बेरोजगारी बढ़ेगी, जो किसी भी प्रकार से देशहित में नहीं है। त्रिपाठी ने कहा कि हाल में चल रही कोरोना महामारी की रोकथाम में सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों और खासतौर से रेलवे कर्मचारियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर अनुकरणीय कार्य किया। इस दौरान निजी क्षेत्र कहीं भी दिखाई नहीं दिया और अपने कार्यों को बंद करके उनको वहां कार्यरत मजदूरों को प्रवासी बना दिया जिससे भयंकर समस्या उत्पन्न हुई। इस प्रकार यदि रेल निजी हाथों मेें चली गयी तो भारत के सम्पूर्ण वर्ग के जनमानस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि रेल भारत की रीढ़ की हड्डी है। संघ के मंडल मंत्री हनुमानदास ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आजादी से पहले से चली आ रही सार्वजनिक रेलवे को निजी हाथों में सौंपने जा रही है, इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। भामसं के जिला मंत्री प्रमोद सिंह शेखावत ने कहा कि हम सरकार की उक्त नीतियों का अंतिम सांस तक विरोध करेंगे और सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार कर संशोधन करने पर मजबूर करेंगे। प्रदर्शनकारियों में जगदीश शर्मा, दीनदयाल, सुनील शादी, अमरसिंह, हरिराम तर्ड, विनय कुमार, राजकुमार, बाबूलाल, निलेंद्र त्रिपाठी, कपिल, शंकरलाल, नंदकिशोर, चांदरतन, प्रतापसिंह, कमलेश, रज्जाक अली, डी.पी.छीपा सहित पदाधिकारी कार्यकर्ता शामिल थे।