बीकानेर, 27 अक्टूबर। डिजीटल इंडिया का सपना पूरा करते हुए भारतीय रेलवे दलालों के भ्रष्टाचार व मनमानी पर अंकुश लगाने में धीरे-धीरे कामयाब हो रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा मंगलवार से 02 नवंबर तक 'सतर्क भारत, समृद्ध भारत' उद्देश्य से सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। ईमानदारी के इस उत्सव में भारत की जीवन रेखा भारतीय रेल का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। रेलवे के बीकानेर मंडल के सीनियर डीसीएम जितेंद्र मीना ने बताया कि भारतीय रेल ने सुचिता और पारदर्शिता को प्रभावी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे ई-टिकटिंग, ई-प्रोक्योरमेंट, ई-टेंडरिंग, ई-वेमेंट, इ-ऑक्शन, एफओआईएस व पीआरएस। यात्रियों की सुविधा के लिए ई-टिकटिंग शुरु की गईए जिससे घर बैठे ही रेल की टिकट बुक की जा सकती है और कैंसिल कराकर रिफंड पा सकते है। इससे न केवल टिकट खिड़की पर भीड़ कम हुई है, बल्कि विभिन्न एजेंटों व दलालों के भ्रष्टाचार और मनमानी पर अंकुश भी लगा है। इसके अलावा पीआरएस काउंटरों के उपर सीसीटीवी से भी निगरानी की जा रही है, जिससे काउंटर पर कार्यरत कर्मचारियों को अनुशासित किया जा रहा है। रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों पर कैशलैस हेतु बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे न केवल डिजिटल इंडिया का भी सपना पूरा हो रहा है अपितु ओवरचार्जिंग पर भी अंकुश लग रहा है। भारतीय रेल द्वारा विकास कार्यों, रखरखाव में पारदर्शिता लाने हेतु कॉंट्रेक्ट्स अब ई.टेंडरिंग द्वारा किया जा रहा है और शत-प्रतिशत खरीद ई-प्रोक्योरमेंट द्वारा की जा रही है। ईमानदारी का ये उत्सव जनसहभागिता के बिना असंभव है। जनसहभागिता के लिए रेलवे द्वारा शिकायत दर्ज कराने के अनेक साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे ने लोगों से आह्वान किया है कि आईए इमानदारी की रेल चलाते हुए इमानदारी का उत्सव मनाएं।