बीकानेर, 27 अक्टूबर (छोटीकाशी डॉट पेज)। राजस्थान में बीकानेर के प्रसिद्ध पापड़, भुजिया, रसगुल्ला, बड़ी, कचौरी नमकीन उद्योग को एक नवंबर 2020 से प्रोपराइटरी फूड के अंतर्गत लाकर उसके पुराने लाइसेंस निरस्त करके नए लाइसेंस बनाने का प्रावधान किया गया है। जहां यह प्रक्रिया बहुत ही जटिल खर्चीली एवं छोटे उद्योगों एवं ठेला वाले के लिए असंभव है क्योंकि उनका दिल्ली से लाइसेंस बनवा कर कार्य करना बहुत ही मुश्किल है इस कारण लाखों की संख्या में यह छोटे कारोबारी बेरोजगार हो जाएंगे इनके साथ करोना की मार कोड में खाज का काम करेगी। साथ ही करोड़ों रुपए का नुकसान भी होगा। बीकानेर पापड़ भुजिया मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को चिट्ठी लिखकर नए फूड कानून से बचाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि यहां पूरे बीकानेर में ही इन छोटे बड़े उद्योगपतियों के पास करोड़ों का पैकेजिंग मैटेरियल प्रिंट हुआ पड़ा है क्योंकि आजकल हर खाद्य एवं पेय पदार्थ पर एफएसएसएआई का नंबर लिखा अनिवार्य है। लाइसेंस दिल्ली से बनने पर उसका एफएसएसएआई नंबर बदल जाएगा इस कारण उसके पास पड़ा करोड़ों का पैकेजिंग मैटेरियल किसी भी काम का नहीं रहेगा। यह प्रति उद्योग के साथ देश का भी नुकसान होगा।
नए फूड कानून से बचाएं अन्यथा होगा करोड़ों का नुकसान, केंद्रीय मंत्री अर्जुन को चिट्ठी