हिन्दू जनजागृति समिति की मांग, 'लव जिहाद के विरुद्ध केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर ही कठोर कानून बनाए'


 


Jaipur, 24 नवम्बर। कट्टर जिहादियों द्वारा अन्य धर्म की युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनके साथ निकाह कर 'लव जिहाद' के द्वारा उनका इस्लाम में धर्म-परिवर्तन करने का षड्यंत्र चलाया जा रहा है। इस संबंध में केवल भारत के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ही नहीं, अपितु केरल के अनेक ईसाई संगठनोंं सहित अंतरराष्ट्रीय सिक्ख और ईसाई संगठनों ने भी आवाज उठाई है। वै‍श्विक स्तर पर भी इंग्लैंड, म्यांमार आदि देशों में गैरमुस्लिम समुदायों द्वारा 'लव जिहाद' के विरुद्ध आवाज उठाई जा रही है। एक बड़ अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के अंतर्गत हिन्दू युवतियों के साथ हो रही धोखाधड़ी रोकने के लिए 'लव जिहाद' विरोधी कानून की मांग हो रही है। इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने मंगलवार को केंद्र सरकार से मांग की है कि अब राष्ट्रीय स्तर पर ही कठोर कानून बनाया जाना चाहिए। शिंदे ने कहा कि पाकिस्तान में किस प्रकार हिन्दू तथा अन्य धर्म की अल्पायु लडकियों का अपहरण कर उनका निकाह वयस्क मुस्लिम पुरुषों के साथ किया जाता है और इस्लामिक स्टेट में यजिदी युवतियों पर किस प्रकार अत्याचार किए गएए यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर हुआ है । रूस में तो वहां की मुस्लिम उलेमा काऊन्सिल ने मुस्लिम पुरुषों पर अन्य धर्म की युवतियां से विवाह करने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है । यह सब स्पष्ट होते हुए भी एमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, साथ ही कांग्रेसशासित राज्यों के मुख्यमंत्री 'लव जिहाद' कानून का विरोध कर रहे हैं । यही गिरोह इससे पहले 'सीएए' 'एनआरसी' जैसे देशहित के कानून और ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाकर मुस्लिम महिलाओं को आधार देने वाले कानून के विरुद्ध सडक पर उतरा था। इसके कारण हिन्दू जनजागृति समिति ने आह्वान किया है कि लव जिहाद कानून का विरोध करने वाले ये लोग प्रेम का समानरूप से सम्मान कर मुस्लिम युवतियों को हिन्दू युवकों से विवाह की अनुमति दें।