भैरव अष्टमी पर 2020 पदार्थों का नाकोड़ा भैरव को लगेगा महाभोग, 2007 किलो मिष्ठान भोग का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड पुनः स्वयं तोडेंगे राष्ट्रसंत 


 



 



 



 



 


गुरु कृपा से श्रद्धालु की क्षण में बदलती है तकदीर : डॉ वसंत विजय जी म.सा.


उज्जैन। विश्वविख्यात श्री कृष्णगिरी पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब की पावन निश्रा में यहां के शांतम आश्रम में विशालतम 21 फीट के श्री नाकोड़ा भैरव जी की दिव्य प्रतिमा के समक्ष अति दिव्य करीब 2020 पदार्थों का महा भोग 7 दिसंबर सोमवार की शाम अर्पण किया जाएगा। भैरव अष्टमी के पर्व पर वर्ष 2020 की समाप्ति से पूर्व आगामी वर्ष 2021 में इस धरा के समस्त प्राणियों की सुख-समृद्धि व कल्याण के लिए इस ऐतिहासिक आंकड़े के स्वरूप करीब 2020 किलोग्राम का महाभोग भैरव देव को लगेगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वर्ष 2007 में कृष्णगिरी तीर्थ धाम में माता पद्मावती के समक्ष 2007 किलो मिष्ठान के महाभोग अर्पण का विश्व रिकॉर्ड भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में राष्ट्रसंत डॉक्टर वसंत विजय जी महाराज साहब के ही नाम से दर्ज है। सोमवार को वे अपने ही रिकॉर्ड को तोड़कर देवीय शक्ति की प्रसन्नता के लिए यह ऐतिहासिक महाभोग प्रसाद लगाएंगे। जो कि देशभर से आये श्रद्धालुओं सहित उज्जैन नगरी में जरुरत मंदों को बांटा जाएगा। संत श्रीजी की निश्रा में भैरवाष्टमी महा पर्व के मद्देनजर शांतम आश्रम में 8 दिनी जप-हवन, साधना शिविर में प्रतिदिन लाखों मंत्रों की गूंज देश के विभिन्न राज्यों से आए सर्वधर्म व समाज के लोग कर रहे हैं। मंत्र शिरोमणि साधक संत श्रीजी द्वारा साथ ही रात्रि में हवन में दिव्य आहुतियों के साथ भक्ति संगीतमयी प्रस्तुतियों का विहंगम आयोजन हो रहा है। इस दौरान संत श्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस प्रकार कपड़े का मेल साबुन लगाने पर समाप्त होकर दिखता नहीं है, उसी प्रकार प्रभु की आराधना करने पर पाप भी निकल जाता है वह दिखता नहीं है। लेकिन हमारा विश्वास दृढ़ होना जरूरी है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं की श्रद्धा भक्ति की अनुमोदना करते हुए यह भी कहा कि स्वयं को गुरु चरणों में अर्पित करिए दुख के कारण जानिए, कारण और निवारण को प्रसंग वश मय उदाहरण के समझाते हुए पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजय जी ने कहा कि गुरु कृपा जब हो जाए तो व्यक्ति की क्षण में ही तकदीर बदल जाती है। उन्होंने कहा सांसारिक वस्तुएं धन देकर खरीदी जा सकती है, मगर आशीर्वाद कभी खरीदा नहीं जा सकता जो कि निस्वार्थ भाव से साधना करने वाला साधक संत ही प्रदान कर सकता है। आयोजन से जुड़े शैलेंद्र प्रकाश तलेरा ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर सोमवार को भैरवाष्टमी पर्व के मद्देनजर महाभोग निर्माण की व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही है। शिविर संचालन की विभिन्न व्यवस्थाओं में अमित जैन (वसई-मुंबई), तेजसिंह दरबार, मिरज वर्मा, पारस भंसाली, नगीन बोथरा, सुदर्शन बेताला, सतीश दोषी, रितेश सहित अनेक गुरुभक्त सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का लाइव सीधा प्रसारण प्रतिदिन रात्रि में 9:00 बजे से यूट्यूब चैनल संकेश का खजाना से लिंक https://www.youtube.com/c/Sankeshkakhajana
देखा जा सकता है।