बीकानेर, 1 जनवरी (छोटीकाशी डॉट पेज)। राजस्थान के ऊर्जा एवं पीएचईडी मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने शुक्रवार को बीकानेर में कहा कि जिले में औद्योगिक संभावनाओं को नई गति देने के लिए गजनेर औद्योगिक क्षेत्र में नए सिरे से आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएगी। करणी औद्योगिक क्षेत्र का दौरा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र की आर्थिक प्रगति वहां के औद्योगिक विकास पर निर्भर करती है। जिले में औद्योगिक प्रगति से स्थानीय रोजगार बढऩे के साथ-साथ क्षेत्र का आधारभूत ढांचा विकसित होने से यहां पर्यटन विकास की भी नई संभावनाओं को मजबूती मिल सकेगी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गजनेर इंडस्ट्री एरिया में फेलस्पार, सिलिका, चाइन क्लेट एवं कृषि उत्पाद आदि बहुतायत में उपलब्ध है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र गजनेर में सिरेमिक ईकाईयों के साथ साथ कृषि आधारित उत्पाद लगने की अपार सम्भावनाएं है। अत: इस औद्योगिक क्षेत्र को संबंधित विभाग सुनियोजित तरीके से विकसित करें। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र गजनेर में स्वीकृत ले.आउट के अनुसार पांच सौ वर्ग मीटर से पाँच एकड़ क्षेत्रफ ल तक के कुल 1051 औद्योगिक भू.खण्डों का नियोजन किया गया है, इसलिए भावी औद्योगिक विकास को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय मानकों के तहत इसे विकसित किया जाए। उन्होंने रीको महाप्रबंधक को गजनेर औद्योगिक क्षेत्र में सिरेमिक इकाईयां स्थापित करने के लिए विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। डॉ कल्ला ने कहा कि बीकानेर का धरातलीय विस्तार और सोलर ऊर्जा की संभावनाएं यहां के औद्योगिक ढांचे को नए रूप में विकसित करने के लिए नींव का पत्थर साबित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि देश भर के बड़े उद्योगपति इस क्षेत्र में निवेश के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। इन संभावनाओं को साकार रूप प्रदान करने के लिए राज्य सरकार क्षेत्र के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठा रही है। पिछले कुछ अर्से से क्षेत्र में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की दिशा में कई बड़ी कंपनियों ने यहां निवेश किया है। डॉ कल्ला ने रीको महाप्रबंधक को निर्देश दिए कि गजनेर के 416.65 हेक्टेयर भूमि पर पानी, बिजली, सड़क सहित समस्त आवश्यक ढांचागत सुविधाएं विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि उद्योगों के विकास के लिए सड़क, पानी और बिजली पहली आवश्यकता है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए की अपील
डॉ कल्ला ने सभी औद्योगिक संगठन और इकाईयों के प्रबंधकों से औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। ऐसे में यह विशेष ध्यान रखना होगा कि पर्यावरण को किसी भी परिस्थिति में नुकसान ना पहुंचे। अपशिष्ट जल के निस्तारण के लिए औद्योगिक इकाईयां उचित एक्शन प्लान बनाएं। यदि इस संदर्भ में प्रशासन से मदद की आवश्यकता हो तो सूचना दें। शीघ्र ही अपशिष्ट जल का युक्ति संगत निस्तारण के लिए कार्ययोजना बनाकर काम किया जाए। डॉ कल्ला ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दिनों औद्योगिक प्रगति नकारात्मक रही है, परन्तु जीवन के साथ आजीविका सबसे अहम है और राज्य सरकार इसे लेकर गंभीर है। औद्योगिक इकाईयों की हरसंभव मदद के लिए तत्पर है। सरकार द्वारा पानी, बिजली प्राथमिकता से उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधि सतीश गोयल, दीपक अग्रवाल, बृजमोहन चांडक, अनिल सेठिया, नारायण तुलश्यानी उपस्थित थे।