अन्नदान से ही संसार की समस्त रचनाओं का पालन : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा. / पार्श्वप्रभु के चार दिवसीय जन्म-दीक्षा कल्याणक महामहोत्सव भंडारे का समापन














संत-महात्माओं एवं अनेक मठ-आश्रमों के बटुक-विप्रों ने भी लिया भाग


उज्जैन। जैन ही नहीं सर्व धर्म के इतिहास में अवंतिका नगरी उज्जैन शहर में पहली बार पार्श्व परमात्मा के जन्म एवं दीक्षा कल्याणक दिवस के उपलक्ष में चार दिवसीय भक्ति-पूजन, विशाल अखंड भंडारे व लड्डू भोग वितरण का समापन रविवार को हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, सर्वधर्म दिवाकर, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब के दिव्य सानिध्य में शहनाई गार्डन में हुए इस महामहोत्सव में देश के विभिन्न प्रांतों के शहरों-कस्बों से आए श्रद्धालुजनों ने भाग लेकर संतश्रीजी का आशीर्वाद एवं प्रसाद पाया।  अखंड भंडारे में उज्जैन के प्रसिद्ध रामानुज कोट सहित अनेक आश्रमों-मठों से संतो,  बटुक पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ रविवार को भंडारे के भोग को प्रारंभ करवाया।  इस दौरान राष्ट्रसंत श्री वसंतविजयजी मसा. ने कहा कि हिन्दू धर्म हो या जैन धर्म, दान की महिमा असीम है तथा दान का विशेष महत्व है। इसमें अन्नदान ही महादान है और शास्त्रों के अनुसार यदि कोई सबसे बड़ा दान है तो वह अन्नदान ही है। उन्होंने कहा कि यह संसार अन्न से ही बना है अर्थात अन्न से ही संसार की समस्त रचनाओं का पालन होता है। डॉ वसंतविजयजी मसा. ने कहा कि संसार में अन्न एकमात्र ऐसी वस्तु है जिससे शरीर के साथ-साथ हमारी आत्मा की भी तृप्ति होती है इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है कि यदि आप कुछ दान करना चाहते हो तो अन्नदान करना चाहिए, अन्नदान करने से हमें बहुत ही लाभ होता है, इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि जन्मोत्सव जैसे आयोजनों पर अन्नदान-भंडारे रुपी प्रसाद वितरण का महत्व बढ़ जाता है। सर्वधर्म दिवाकर गुरुदेव श्रीजी ने कहा कि हिन्दू धर्म के सभी शास्त्रों में अनेक प्रकार के दान के बारे में बताया गया है, इसमें अन्नदान सबसे श्रेष्ठ है। क्योंकि संसार का मूल अन्न है, किसी के भी प्राण का मूल अन्न है। अन्न ही अमृत बनकर मुक्ति प्रदान करता है। इससे पूर्व डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब की निश्रा में नित्य पूजन, श्रृंगार व आरती के साथ परमात्मा तथा गुरुदेव श्रीजी का सामूहिक जयकारे से गुंजायमान किया गया। आज के भंडारे के लाभार्थी राकेश महावीर जैन इंदौर का सम्मान श्रीमहाकाल मंदिर के विद्वान पुजारी दिनेशगुरुजी के कर कमलों से किया गया। कार्यक्रम का संचालन शैलेंद्र प्रकाश तलेरा ने किया। गुरुभक्त संकेश जैन ने बताया कि महा महोत्सव में हरिराम सहारण, पीयूष चोरड़िया, अजय कटारिया, प्रतीक बंसल, तेजसिंह दरबार, नीरज वर्मा, सतीश दोषी, आयुष कुमार, ज्योति मिश्रा, पद्मा डोसी, सोनू मालवीय, रूपाली कुशवाहा, रचना तिवारी, अमन मिश्रा, ऋषभ मेहता, उमंग कोठारी, अर्पिता-जितेंद्र बाफना, अजय सोडानी, राजेश भंडारी, तन्मय चोरड़िया, सिद्धार्थ डोसी ने सेवा सहयोग का लाभ लिया। गुरुभक्त रितेश नाहर ने सभी का आभार ज्ञापित किया।