जयपुर, 5 फरवरी (सीके मीडिया/छोटीकाशी)। उत्तर पश्चिम रेलवे को विभिन्न कार्यों के लिये बजट का आंवटन किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के केपिटल आउट-ले वर्ष 2021-22 के बजट में 4672.55 करोड़ आवंटित किया गया है। उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश ने शुक्रवार को बजट के बारे में जानकारी प्रदान की व बताया कि यह बजट भविष्य के लिए आत्मनिर्भर भारत की ओर महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि इस बजट में भौतिक एवं वित्तीय पूंजी और अवसंरचना पर ध्यान केन्द्रीकृत किया गया है। यह बजट आंकाक्षी भारत के लिए समावेशी विकास लाने वाला है। इसका उद्देष्य मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना है। इससे नव प्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसमें सरकार का उद्देश्य 'न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन' की अवधारणा को मूर्त रूप प्रदान करना है। उत्तर पश्चिम रेलवे के लिए इस बजट में नई लाइनों तथा संरक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया हैं। यात्री सुविधाओं के लिये 462.58 करोड रूपये का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार संरक्षा के अहम मद ट्रेक नवीनीकरण के लिये 500 करोड तथा रेलवे समपारों पर संरक्षा को ध्यान में रखते हुये रोड ओवर ब्रिज तथा रोड अण्डर ब्रिज के लिये 334.51 करोड रूपये का बजट में प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त निर्माण कार्य जिनमें नई लाइनें, आमान परिवर्तन के कार्य जो प्रगति पर है उनके लिये भी उपयुक्त बजट का प्रावधान किया गया है, ताकि इनकों गति प्रदान की जा सकें। आधारभूत अवसंरचना इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिये नई लाइन के लिये 316.76 करोड, आमान परिवर्तन के लिये 80 करोड तथा दोहरीकरण के लिये 225 करोड रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार ब्रिज कार्यों के लिये 33 करोड, सिगनल कार्यो के लिये 93.59 करोड, रोलिंग स्टॉक के लिये 24.87 करोड, यातायात सुविधाओं के लिये 65.99 करोड, कारखाना कार्यो के लिये 40.53 करोड, कर्मचारी कल्याण के लिये 29.24 करोड तथा प्रशिक्षण कार्य के लिये 4.11 करोड रूपये का बजट आवंटन किया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे रेल बजट 2021-22 : भविष्य के लिए तैयार आत्मनिर्भर भारत की ओर महत्वपूर्ण कदम