किसान और पशुपालकों की समृद्धि के लिए कृषि-पशुपालन के एकीकृत मॉडल की जरुरत : श्रीवास्तव






बीकानेर, 12 फरवरी (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के मुख्य महाप्रबंधक जयदीप श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बीकानेर में नाबार्ड वेटरनरी विश्वविद्यालय और बीकानेर में स्थित ऊंट, भेड़ एवं ऊन और अश्व अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर पशुपालन अनुसंधानों को राज्य के किसानों और पशुपालकों तक पंहुचाकर आय वृद्धि और रोजगार सृजन के लिए युवाओं को आकर्षित करना चाहती है। पशुपालन और ग्रामीण विकास विषय पर वेटरनरी विश्वविद्यालय में राज्य के जिला विकास प्रबंधकों के साथ राजुवास और केन्द्रीय अनुसंधान संस्थाओं के वैज्ञानिकों की संरचनात्मक बैठक और परिचर्चा में उन्होंने कहा कि इससे पशुपालक स्वरोजगार की ओर प्रेषित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि के बदलते परिवेश में किसान और पशुपालकों की समृद्धि के लिए कृषि.पशुपालन के एकीकृत मॉडल की जरूरत है। नाबार्ड का उद्देश्य छोटे किसानों.युवाओं को खेती.बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन कार्यों से जोडऩा है। पशुपालन से उनकी आय में 20 से 30 प्रतिशत वृद्धि की जा सकती है। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विष्णु शर्मा ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय के पशुधन अनुसंधान केन्द्रों और पशु विज्ञान केन्द्रों का नेटवर्क पूरे राज्य में है जहां पशुपालकों को पशुपालन तकनीकों का हस्तांतरणए उन्नत पशुपालन के प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने के कार्य किए जा रहे हैं। परिचर्चा में राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. ए. साहू, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस.सी. मेहता और केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, बीकानेर के प्रमुख डॉ एच.के. नरूला ने ऊंट, भेड़ व घोड़े पर अनुसंधान कार्यों की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। राजुवास के मानव संसाधन विकास निदेशक प्रो त्रिभुवन शर्मा ने अपने सुझाव दिए। आयोजन सचिव प्रो राजेश कुमार धूडिय़ा प्रसार शिक्षा निदेशक ने पशुपालन और ग्रामीण विकास की संरचनात्मक बैठक के महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डाला। परिचर्चा में नाबार्ड के महाप्रबंधक कुलदीप सिंह और टी वैंकट कृष्ण, उप महाप्रबंधक इन्दू राठौरिया ने भी विचार व्यक्त किए। राजुवास आईयूएमएस के प्रभारी डॉ अशोक डांगी ने वेटरनरी विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया। इस अवसर अतिथियों ने राजुवास के पशुपालक नए आयाम के नवीन अंक का विमोचन भी किया। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक रमेश ताम्बिया ने सभी का आभार जताया। बैठक में राज्य के 22 नाबार्ड जिला प्रबंधकों सहित राजुवास के अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा प्रो जी.एन. पुरोहित, निदेशक क्लिनिक प्रो ए.पी. सिंह और परीक्षा नियंत्रक प्रो उर्मिला पानू, डॉ प्रवीण बिश्नोई सहित अन्य फैकल्टी सदस्य उपस्थित थे।