प्रभावशाली मंत्र, तंत्र और यंत्र जिनशासन और शास्त्रों में विद्यमान: साध्वीश्री भव्यगुणाश्रीजी








गोखरु परिवार के सौजन्य से विजयनगर के तेरापंथ भवन में महामांगलिक का आयोजन, जुटे चारों संप्रदाय के श्रद्धालु

बेंगलूरु। यहां के तेरापंथ सभा भवन में रविवार को रिद्धि-सिद्धि समृद्धि प्रदायक महान प्रभावशाली मंगलकारी महामांगलिक का आयोजन हुआ।  जिसमें राष्ट्रसंत लेखंद्रसूरीश्वरजी मसा. व शासनज्योति महासतीजी अनंतगुणाजी मसा. की आज्ञानुवर्तिनी ज्योतिषज्योति साध्वीश्री भव्यगुणाश्रीजी व मधुरभाषी साध्वीश्री शीतलगुणाश्रीजी मसा. द्वारा महामांगलिक प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अपनी सद्गति के लिए परमात्मा के चरणों में समर्पण भाव से प्रेम के पल्लवित पुष्पों को अर्पित करने का अवसर है। आराधना से आत्मशुद्धि होती है, आत्मबल मजबूत होता है। मनुष्य जीवन की सफलता तभी है जब साधना-आराधना की जाए। उन्होंने कहा कि मंत्र, तंत्र और यंत्र तीनों जिनशासन और शास़्त्रों में विद्यमान है। इन तीनों की विशेषता बताते हुए कहा कि व्यक्ति में श्रद्धाभाव होना जरुरी है। साध्वीजी ने कहा कि मंत्रों की शक्तियां अगले भव में भी साथ देती है, मंत्र व्यक्ति के शरीर के रोम-रोम को झंकृत कर देते हैं। वहीं यंत्र सांसारिक जीवन की आधि-व्याधि मिटाते हैं, जो कि इस भव तक ही साथ रहता है। जबकि तंत्र किसी बीमारी अथवा संकट के समय प्रयोग किया जाता है, जो कि छह माह तक प्रभावी रहता है। उन्होंने कहा कि मंत्र, तंत्र और यंत्र तीनों का जिनशासन में प्रभाव है। पूर्वाचार्यों एवं तीर्थंकरों ने अनेक प्रभावशाली मंत्रों की रचना की। करीब 8 प्रकार के मंत्रों का उल्लेख किया, जिनमें लोककल्याण, मनवांछित पूर्ति, विघ्ननिवारण, सर्वसिद्धिप्रदायक, यशकीर्ति एवं रक्षाकवच, सर्वग्रहदोष निवारण कालसर्पदोष-चांडालदोष निवारक आदि मंत्रों से महामारी सहित श्रोताओं के आधि-व्याधि निवारण शामिल रहा। स्व.हरकचंद रोशनलाल निर्मलादेवी पंकजकुमार पूजा पहेल गोखरु परिवार द्वारा आयोजित इस महामांगलिक में विधिकारक जिग्नेशगुरु एवं राजूभाई पंडित का सम्मान किया गया। सभी का स्वागत रोशन गोखरु ने किया। निरामय शांति के साथ करीब एक घंटे की यह महामांगलिक में आरती के साथ कार्यक्रम संपन्न हुई। इसमें दादा गुरुदेव आचार्यश्री राजेंद्रसूरीश्वरजी की आरती का लाभ फतेहराज भरतकुमार हितेष जिनेश कानूगा परिवार तथा लक्ष्मीचंद नीतेश कुमार बोहर परिवार ने श्रीनाकोड़ा भेरवदेव की आरती का लाभ लिया। साध्वीवृंद को कांबली ओढाकर सत्कार किया गया। लाभार्थी परिवार का भी बहुमान किया गया। जिसमें वसंतराज भंसाली, गणपतराज धोका, सुनील कूकूलोन, पारस भंसाली, गौतमचंद लूणिया, जयचंद लोढा, लक्ष्मीचंद बोहरा, विशाल बोहरा, कैलाश छाजेड़, दीपक ओस्तवाल व किशोर दूधेड़िया आदि ने भागीदारी निभाई। मधु तातेड़ ने बताया कि इस अवसर पर श्री लेखेंद्र भव्य शीतल चातुर्मास महासमिति-2021 के महामंत्री पारस भंसाली ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 का चातुर्मास चारो संप्रदाय क्रमशः दिगंबर, स्थानकवासी, तेरापंथ व मंदिरमार्गी लोग मिलकर ऐतिहासिक बनाएंगे। जो कि केंटोनमेंट क्षेत्र में भूरीबाई जैन भवन में होगा। महामांगलिक में भी बड़ी संख्या में तेरापंथ सभा भवन मेें जैन धर्म के चारों संप्रदायों में श्रद्धालुओं ने जिनमें महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने लाभ लिया। सभी को साध्वीजी ने रक्षापोटली का भी वितरण किया। श्री नाकोडा जैन काॅन्फ्रें्रस कर्नाटक के अध्यक्ष वंशराज बोहरा, देवेंद्र तातेड़, लेेखराज डोसी, संतपराज सेठ, अरुणा कानूगा, निर्मला बाफना सहित अनेक पदाधिकारियों ने अनेक व्यवस्थाओं में सहयोग किया।