जयपुर, 12 मार्च (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। भारत द्वारा वर्ष 1971 युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष 2021 को देश भर में स्वर्णिम विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते वर्ष-2020 की 16 दिसंबर को भारतीय सेना को चार विजय ज्वालाएं, स्वर्णिम मशाल सौंपी थी। ये विजय ज्वालाएँ ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर रुकते हुए देश की लंबाई और चौड़ाई की यात्रा कर रही है, जिनमें से प्रत्येक जगह सम्मान के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। सेना के युद्ध वीरों और शहीदों को सम्मान देने के लिए ये मशाल श्रीगंगानगर में 13 मार्च से 19 मार्च 2021 तक सात दिनों के लिए गौरवांवित रहेगी। डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि श्रीगंगानगर में नागी के पवित्र युद्ध भूमि भी मौजूद हैं। 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा नागी के रेत के टिब्बे पर कब्जा कर लिया गया था। भारतीय सेना के 21 शहीद जवानों के बलिदान के परिणामस्वरूप यह भूमि दुश्मनों से मुक्त हो पायी थी। नागी का यह युद्ध पश्चिमी मोर्चे के एक भीषण लड़ाई का प्रत्यक्ष है, जिसमें हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर में विजय ज्योति के प्रवास के दौरान श्रीगंगानगर और नागी युद्ध स्मारकों में पुष्पांजलि कार्यक्रम, वीर नारियों और युद्ध वीरों का सत्कार और हथियार प्रक्षेपण का प्रदर्शन जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। कई स्थानों पर विजय ज्वाला के साथ विजय मार्च भी किया जाएगा। श्रीगंगानगर में स्वर्णिम विजय उत्सव का समापन 19 मार्च 2021 को सूरतगढ़ मिलिट्री स्टेशन को विजय ज्वाला सौंपने से होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय सेना को सौंपी गयी चार स्वर्णिम मशाल 13 मार्च से श्रीगंगानगर को गौरवान्वित करेंगी