नई दिल्ली, 23 मई (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 14 राज्यों. उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम को ऑक्सीजन के रूप में सहायता पहुंचाई गई है। भारतीय रेलवे द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति 15000 मीट्रिक टन से ऊपर पहुंची वहीं कर्नाटक को ऑक्सीजन की आपूर्ति 1000 मीट्रिक टन से ऊपर पहुंची। अब तक 234 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 936 टैंकरों में देश के 14 राज्यों को ऑक्सीजन के रूप में राहत पहुंचाई है। समाचार अपडेट किए जाने तक 9 ऑक्सीजन एक्सप्रेस 31 टैंकरों में 569 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर गंतव्य की ओर रवाना हो चुकी थी। यहाँ यह उल्लेखनीय है की अब तक 234 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी कर ली है और विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन के रूप में राहत पहुंचाई है। भारतीय रेलवे मौजूदा चुनौतियों का सामना और नए उपायों की तलाश के साथ देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान पर निरंतर काम कर रही है। भारतीय रेलवे अब तक देश के विभिन्न राज्यों को 936 टैंकरों में लगभग 15284 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर चुका है।
इन राज्यों को इतनी मिली 'ऑक्सीजन आपूर्ति'
अब तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3609 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 566 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4300 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1759 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1063 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 857 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 642 मीट्रिक टन, पंजाब में 153 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 976 मीट्रिक टन और असम में 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गयी।
नए मार्ग भी चिन्हित कर रहा है रेलवे
रेलवे ने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए नए मार्गों को भी चिन्हित किया है और आपात स्थिति में राज्यों की तरफ से आने वाली किसी भी तरह की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए भारतीय रेलवे को टैंकर राज्य की तरफ से उपलब्ध कराये जाते हैं। उल्लेखनीय है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत 28 दिन पहले 24 अप्रैल को हुई थी और पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 126 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के साथ महाराष्ट्र पहुंची थी।
मालगाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक
लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। चालक दल बदलने जैसी तकनीकी आवश्यकताओं के लिए गाड़ी के ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है। मार्गों को लगातार खुला रखा जा रहा है और ऑक्सीजन एक्सप्रेस के सुचारु परिचालन के लिए उच्च स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए किए गए इन प्रबंधों के साथ यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि अन्य मालगाडिय़ों के परिचालन में किसी तरह का व्यवधान ना आए।