जयपुर, 3 मई (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। भारतीय रेलवे द्वारा कोविड.19 की विषम परिस्थितियों में भी आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता हेतु कार्य किये जा रहे है। भारतीय रेलवे पर वर्ष 2020-21 में पर्यावरण अनूकुल रेल संचालन के लिये 6015 रूट किलोमीटर ब्राडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया जो कि अभी तक का सर्वाधिक है। रेलवे द्वारा 2023 तक सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण करने के लिये लक्ष्यानुसार कार्य किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के उपहाप्रबंधक (सामान्य) व मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किये जा रहे है। इस रेलवे पर विद्युतीकरण के कार्य को विगत वर्षों के बजट में प्राथमिकता प्रदान की गई है तथा सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हो गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 2190 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2020-21 में 566 किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया। उत्तर पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखण्ड रेवाडी-अजमेर वाया फु लेरा तथा रेवाडी.अजमेर वाया जयपुर रेलखण्डों पर इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर यात्री रेलसेवाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही अजमेर से उदयपुर मार्ग का भी विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है तथा राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुडाव अजमेरए जयपुर तथा दिल्ली से इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन से सम्पर्क स्थापित हो गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021.22 में 980 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइनों को विद्युतीकृत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष रींगस-सीकर-चूरू, सीकर-लोहारू, चूरू-रतनगढ.लालगढ, सूरतगढ-लालगढ, मारवाड.लूनी.जोधपुर, ब्यावर.गुडिया, मदार.पुष्कर रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त फु लेरा.जोधपुर व हनुमानगढ.श्रीगंगानगर रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य प्रारम्भ कर वर्ष 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 2190 किलोमीटर ट्रेक का किया विद्युतीकरण