सदी के सबसे बड़े महायज्ञ के लिए तैयारियां लगभग पूर्ण : देशवासी सुखी, स्वस्थ एवं समृद्ध हों, इसके लिए राष्ट्रसंत डॉ वसंत विजय जी म.सा.का दिव्य अनुष्ठान










विश्वविख्यात कृष्णगिरी तीर्थ धाम में हो रहा 14 से ऐतिहासिक एवं भव्य आयोजन


कृष्णगिरी। सदी के सबसे बड़े महायज्ञ के लिए तैयारियां लगभग पूर्ण। शेष बचे है सिर्फ तीन दिन। मौका होगा तमिलनाडू के कृष्णगिरी स्थित विश्व विख्यात श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम में 14 से 23 जुलाई तक देशवासी सुखी, स्वस्थ व समृद्ध बनें, इसके लिए सबसे बड़े महायज्ञ के आयोजन का। महान मन्त्र शिरोमणि, सिद्ध साधक, राष्ट्रसंत श्री वसंत विजय जी महाराज के सानिध्य में महायज्ञ में 370 दिव्य वस्तुओं से भरे कलश सिद्ध किए जाएंगे जो श्रद्धालुओं के घर हर प्रकार का सुख, समृद्धि, सौभाग्य व आरोग्य लाएंगे। उल्लेखनीय है कि इस कलश में अनेक ऐसी विशिष्ट औषधियां, जड़ी-बूटियां व दिव्य वस्तुएं रहेंगी जिनके द्वारा श्रद्धालूओं पर माता महालक्ष्मी की कृपा बरसेगी। कलशों में नवरत्न, अनेक दुर्लभ औषधियां, 32 उपरत्न, 32 हीलिंग जेमस्टोन्स, 3 दिव्य सिद्ध यंत्र, 106 वैष्णव तीर्थों का दिव्य कुंकुम, एक करोड़ लक्ष्मी मंत्रों से अभिमंत्रित कुंकुम, 10 लाख आहूतियों से सिद्ध दिव्य यज्ञ भस्म, मूल्यवान धातुएं रहेंगी। आयोजन को लेकर 65 फीट ऊंची व 40 हजार वर्ग फीट में यज्ञशाला का निर्माण किया गया है। इस भव्य यज्ञशाला का निर्माण सिर्फ बांस, बल्ली और नारियल की रस्सी से हुआ है इसमें एक भी कील का प्रयोग नहीं हुआ है। यह यज्ञशाला अब भव्यता ले चुकी है।


पीतल के पान व नारियलयुक्त पीतल के बने 6 लीटर के 5 हजार कुंभ अभिमंत्रित होंगे


अति विशाल मां महालक्ष्मीजी की प्रतिमा के समक्ष पीतल के पान व नारियलयुक्त पीतल के बने 6 लीटर के 5 हजार कुुंभ अभिमंत्रित किए जाएंगे। घर को स्वर्ग बनाने वाले इन दिव्य कलशों को महालक्ष्मी कुबेर मंत्रों से 1 करोड़ कुमकुम पूजन, 10 लाख हवन आहूतियों और 25 लाख धन्वंतरि कुबेर जाप के साथ सिद्ध किया जाएगा। इस यज्ञ में देशभर के अलग-अलग प्रतिष्ठित मंदिरों जहां 106 दिव्य देशम वैष्णव क्षेत्र है वहां से कुमकुम लाया जा रहा है जैसे बद्रीनाथ, रघुनाथ, जोशीमठ, अयोध्या, मथुरा, तिरुपति लक्ष्मी मंदिर आदि जैसे पवित्र स्थानों से कुमकुम लाया जा रहा है। 


दो हजार किलो से अधिक गाय के शुद्ध देशी घी का होगा उपयोग

जनभागीदारी से आयोजित किए जा रहे इस महायज्ञ में लगभग 10 हजार किलो सफेद चंदन, लाल चंदन, पीला चंदन, 50 किलो से अधिक केसर, देवदारु, अगर, तगर, आम्र की लकडिय़ां, 10 हजार किलो विभिन्न औषधियां और 2 हजार किलो गाय का शुद्ध देशी घी डाला जाएगा। देश कल्याण के इस महाविधान में महालक्ष्मी मां की कृपा, पूज्य गुरुदेव श्रीजी का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त करने व अपने सौभाग्य को अतिशीघ्र जगाने के लिए श्रद्धासूक्त जन अपनी शक्ति व सामर्थ्य अनुसार हवन सामग्री जैसे चंदन की लकडिय़ां, गाय का घी, केसर, मेवे इत्यादि भेंट कर श्रद्धा समर्पित कर सकते है।