बन्शीरत्न चॅरिटेबल वेल्फेयर ट्रस्ट द्वारा चंचला व मोतीलाल सुराणा को दिया गया ‘आदर्श माता-पिता पुरस्कार’
CK NEWS CHHOTIKASHI पुणे : सूर्यदत्ता ग्रुप द्वारा संचालित बंशी रत्न चॅरिटेबल वेल्फेअर ट्रस्ट द्वारा ’आदर्श माता-पिता पुरस्कार’ चंचला व मोतीलाल सुराणा को, सुशीलाबाई बंब को समाजरत्न, डॉ.अशोक कुमार पगारिया को समाज शिरोमणि, महावीर नाहर को समाजभूषण व डॉ. रसिक सेठिया को मानवसेवा पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके तहत मानपत्र, सन्मानचिन्ह व स्कार्फ ओढाया गया। संस्कार भारती, वाणीभूषण प्रीतिसुधाजी महाराज, स्वरसम्राज्ञी मधुस्मिताजी महाराज व अन्य साध्वीवृंद की उपस्थिति में भजनसम्राट अनुप जलोटा, फिल्म अभिनेता रजा मुराद के हाथों यह पुरस्कार प्रदान किये गए। वडगांवशेरी स्थित श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ में हुए इस पुरस्कार समारोह में सुर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय चोरडिया, उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया, कार्यकारी संचालक प्रा. सुनील धाडीवाल, प्रो. अक्षित कुशल, रोशनी जैन, रोहित संचेती, नयना गोडांबे, अभिश्री मोर, बटू पाटील, सोनाली ससार आदि उपस्थित थे।
डॉ संजय बढा रहे अपने माता-पिता के संस्कार...
साध्वीश्री प्रीतिसुधाजी कहा कि आज जिनका सम्मान हुआ है, वे बहुत ही योग्य व्यक्ति है। उनका समाज के हित में योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि संजय चोरडिया जो खुद समाजकार्य में अग्रसर है, वे अपने माता-पिता से मिले संस्कारों को आगे ले जाने का काम वे कर रहे है। मधुस्मिताजी ने बंशीलालजी चोरडिया के धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
बुजुर्गों के आशीर्वाद में बड़ी ताकत : मुराद
इस दौरान रजा मुराद ने कहा कि बच्चों को शिक्षा देकर उनका भविष्य निर्माण करना यह पुण्य का कार्य है। शिक्षण के साथ बुजुर्ग लोगों का सन्मान करके नई पीढ़ी के सामने आदर्श रखने का काम सुषमा और संजय चोरडिया कर रहे है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में भारत ही ऐसा देश है जहा बुजुर्ग लोगों के पैर छूए जाते है। बुजुर्ग लोगों के आशीर्वाद में बहुत ही बड़ी ताकत है। इस अवसर पर डॉ. संजय चोरडिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि ज्ञान के साथ विद्यार्थी को अच्छे संस्कार मिलने चाहिए, इसलिये सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट ऐसे प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन करता है। उन्होंने कहा कि पढाई, मेहनत, व्यायाम, मां-बाप और बुजुर्ग के सम्मान के साथ-साथ माता-पिता और गुरु का स्मरण करना यह आज की महत्वपूर्ण जरूरत है। उनके संस्कार ही हमारे जिंदगी की असली संपत्ति है। समाज शिरोमणि डॉ. अशोक कुमार पगारिया ने भी विचार रखे। पुरस्कार वितरण के बाद अनुप जलोटा ने भजन संध्या कार्यक्रम ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कियो। प्रशांत पितलिया ने कार्यक्रम का संचालन किया।