भेदभाव को मिटाकर एक उन्नत और विकसित समाज से राज्य और देश का भला : मंत्री मेघवाल







बीकानेर, 24 दिसम्बर (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा एक दिवसीय किसान एवं पशुपालक मेले का शुभारंभ राज्य के आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के कैबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल द्वारा शुक्रवार को किया गया। मेले में 43 प्रदर्शनी स्टॉल में पशुपालन, कृषि, आईसीएआर के 5 अनुसंधान संस्थानों सहित लाइन विभाग द्वारा कृषि और अन्नत पशुपालन तकनीकों के मॉडलए फ्लैक्स और प्रचार-प्रसार सामग्री का प्रदर्शन किया गया। पदेन परियोजना निदेशक आत्मा के सहयोग से बीकानेर के 9 ब्लोक के किसानों ने मेले में शिरकत की। मंत्री मेघवाल ने कहा कि जात-पात और ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाकर एक उन्नत और विकसित समाज से राज्य और देश का भला हो सकता है। मेघवाल ने बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों और पशुपालकों से आग्रह किया कि वे नवीन तकनीकें अपना कर आजीविका को अधिक सुगम और लाभकारी बना सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों से निरंतर सम्पर्क और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाकर घर परिवार के भविष्य को भली प्रकार संवार सकते हैं। राज्य सरकार ने अनेक लोक कल्याणकारी योजनाएं लागू करके आम जन को राहत पहुंचाई है। खेती और पशुपालन में मेहनत और अच्छी सोच के साथ आगे बढऩे के विपुल अवसर उपलब्ध होते हैं। समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति और राज्यपाल सलाहकार मण्डल के सदस्य डॉ ए.के . गहलोत ने कहा कि राजस्थान एक पशुधन प्रधान राज्य है। राजस्थान ऊन, दूध, अण्डे और मीट उत्पादन में देश का एक अग्रणी राज्य है। यहां से प्रतिदिन 50 हजार भेडें अन्य राज्यों को भेजी जाती हैं। किसान और पशुपालक वैज्ञानिक नवाचारों से उत्पादन बढ़ाकर अपनी आजीविका को अधिक समृद्ध बना सकते हैं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतीश के. गर्ग ने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने 16 पशु विज्ञान केन्द्रों, 9 पशुधन अनुसंधान केन्द्रों, कृषि विज्ञान केन्द्र और तीन संघटक महाविद्यालयों के मार्फत पशुपालन की नवीन तकनीकों और उन्नत पशुपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके राज्य में पशुपालन सेक्टर को सुदृढ़ बनाने के काम में जुटा हुआ है। प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव-ढाणी स्तर पर भी आयोजित किए जाते हैं। वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो आर.के. सिंह और राजुवास के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो एस.सी. गोस्वामी ने विश्वविद्यालय द्वारा भेड़ बकरी, देशी.गौवंश के कल्याण कार्यक्रमों की जानकारी दी। मेले के संयोजक और राजुवास के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो आर.के . धूडिय़ा ने बताया की प्रदर्शनी स्टॉल में वेटरनरी विश्वविद्यालय के 15 विभिन्न विभागों की पशुपालन तकनीकों, पोल्ट्री की प्रजातियों का सजीव प्रदर्शन किया गया। केन्द्रीय अनुसंधान संस्थानों के निदेशक, वैज्ञानिक प्रो यशपाल शर्मा, डॉ ए.साहू, नाबार्ड के रमेश ताम्बी सहित वेटरनरी विश्वविद्यालय के निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रतिष्ठा शर्मा ने किया। इस मेले का विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर लाईव प्रसारण किया गया जिसकों हजारों लोगों ने घर बैठे देखा व सुना।