गुड टच-बैड टच’ के बारे में जानकारी बच्चों के अधिकार एवं सुरक्षा के मद्देनजर महत्वपूर्ण






आमुखीकरण कार्यशाला  आयोजित, जागरूकता के लिए जिले में एक हजार मास्टर ट्रेनर तैयार 

बीकानेर, 15 जून। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि ‘गुड टच-बैड टच’ के बारे में जानकारी बच्चों के अधिकार एवं सुरक्षा के मद्देनजर अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके प्रति आमजन में जागरूकता जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए एक हजार मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं। ये ट्रेनर जिले भर में आमजन में इसके प्रति जागरूकता व  वातावरण निर्माण का कार्य करेंगे। 

जिला कलक्टर बुधवार को रविन्द्र रंगमंच पर शक्ति अभियान के तहत ‘माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन’ और ‘मेरा शरीर मेरा अधिकार’ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला एवं आमुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

जिला कलक्टर ने कहा कि जन्म के समय बिगड़ते लिंगानुपात को सुधारने, जिले को एनीमिया मुक्त करने, महावारी स्वच्छता प्रबंधन और गुड टच-बैड टच के प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है कि बेटियां एवं महिलाएं स्वस्थ रहें तथा उन्हें आगे बढ़ने के लिए बेहतर वातावरण मिले। जिला कलक्टर ने कहा कि कार्यक्रम के तहत जिले के प्रत्येक विद्यालय में 1 जुलाई से प्रत्येक शनिवार को ‘गुड टच व बैड टच’ एवं ‘माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन’ के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले के सभी ग्राम पंचायतों के लिए एक हजार ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी गई है तथा आवश्यकता होने पर ये ट्रेनर्स अन्य कार्मिकों को ट्रेनिंग देंगे। उन्होंने कहा कि जिले में 59 प्रतिशत महिलाएं एनीमिक है इसके मद्देनजर जिले के सभी विद्यालयों में प्रत्येक बुधवार को ‘आयरन डे’ मनाया जाएगा जिसके दौरान छात्राओं को आयरन व फॉलिक एसिड की गोलियां दी जाएगी।  बालिकाओं की जाँच करवाई जाएगी तथा सीवियर एनीमिक बालिकाओं के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने जिले के स्कूलों में बनाए जाने वाले ‘आई एम शक्ति कॉर्नर’ तथा ‘वॉल ऑफ इन्सपिरेशन’ के बारे में भी बताया, साथ ही कहा कि बेटी के जन्म को उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। बेटी के जन्म के समय माँ को सहजन फली का पौधा उपहार स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे वे पोषण के प्रति जागरूक रहे।

जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने कहा कि जिले में महिला सशक्तीकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। मनरेगा में शत-प्रतिशत महिला मेट की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि आँगंनवाड़ी केन्द्रों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। कार्यक्रम में महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक मेघा रतन ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया। बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी ने गुड टच-बैड टच की जानकारी दी। माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर प्रशिक्षण डॉ. अनिल वर्मा ने दिया। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. राजकुमार शर्मा ने आभार जताया। इस दौरान महिला अधिकारिता विभाग के संरक्षण अधिकारी सतीश पडिहार, प्रचेता विजय लक्ष्मी जोशी सहित अन्य कार्मिक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।